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S**A
Loved it
Though slow and scattered storyline in beginning but very engaging post you read half of the book. Finished the whole book in one night. Loved it. Suggest writer to think about part 2 as the end has left few questions unanswered. Don't want to write them here for not being a spoil sport for new readers.
A**R
A majestic super story of time
Every page is full of suspense,action and surprises.This is a unique genre,an uncomparable fable of anciets legends.Once you start the greed of reading it grows everday with every chapter unfolding new mysteries.satyug,treta and kalyug are wonderfully threaded into one majestic superstory.Accolades to a talented author - any prequel or sequel coming up??waiting
M**H
Amazing imaginary story
Must read book for everyone,whoever’s like Amish Tripathi books must read this book,it’s so beautifully written that you can’t leave it
M**H
Very well narrated
Excellent Writing skill. Thank you for reminding our ancient capability and roots, mingle with novel... Best wishes for upcoming novels..🙏💐
K**R
Bakwaas
Myth only myth kori gup n sir n per kyun logo ka waqt barbaad karte ho aise book likh ke
A**Y
Awesome read
It's very adventurous..
D**H
जबरदस्त
लेखक -देवेन पांडेयउपन्यास-बालीमाइथोलॉजिकल थ्रिलरउपन्यास के नाम को सुनकर कई लोगों को यह एक पौराणिक कथा ही लगेगी लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है हाँ इसे एक माइथोलॉजिकल थ्रिलर नॉवेल कह सकते है या नही ये तो नही पता लेकिन में इसे यही कहूँगा कहानी की बात करे तो शुरुआत में थोड़ी धीमी शुरू होती है लेकि 20 से 25 पेज आते आते कहानी अपनी रफ्तार बखूबी पकड़ चुकी होती है इस तरीके के नोवेल्स पढ़ने के लिए पेशेष की भी आवश्यकता होती है उपन्यास में कहानी कई कालखण्डों को एक साथ लेकर चलती है जो कि एक बढ़िया बात है इससे लेखक के पास भरपूर समय रहा है एक एक डिटेल को अच्छी तरह से प्रस्तुत करने के लिये कहानी में जहां कई जगह आपको पौराणिक समावेश देखने को मिलेगा तो कई जगह आधुनिक दोनों कालखण्डों का संतुलन बहुत बढ़िया तरीके से बनाया गया है जिस तरह मानवीय संवेदनाओं के बारे में ,राजनीति के बारे में लिखा है वो भी उपन्यास का एक बढ़िया पहलू उजागर करता है कुल मिलाकर जिन घटनाओं को लोग आजकल कोरी गप्प मानते है जो इतिहास हमारा आदर्श होना चाहिए था उसे आजकल बुद्धिजीवी वर्ग हेय की दृष्टि से देखता है उन घटनाओं ओर इतिहास को लेखक ने आधुनिक परिवेश के साथ बहुत सुंदरता से जोड़ा है जिसके लिए में उन्हें ढेर सारी बधाई देता हूँ मुझे पुस्तक बहुत पसंद आई अगर आपको मेरी पसन्द से इत्तेफाक नही है तो ज़रूर अवगत कराएं ओर कारण भी बताएं🙏बाकी रिव्यू लिखना बहुत जिम्मेदारी का काम है इसलिए इसे रिव्यू न समझकर मेरी एक व्यक्तिगत राय ही समझा जाये बाली का शायद दूसरा भाग भी आगया है इसलिए पुस्तक के बारे में ज्यादा बात करना सही नही होगा वेसे तो ये कहानी भी पूर्ण थी लेकिन दोसरा भाग आया है तो कुछ तो खास होगा ही इसलिए बाकी बात दूसरा भाग पढ़ने के बाद करेंगे धर्मेंद्र त्यागी
G**H
आखिर भारत पर इतने आक्रमण क्यों होते थे?
देवेन्द्र पाण्डेय जी द्वारा लिखित 'बाली' त्रेतायुग और वर्तमान भारतवर्ष की कथा है। यह इतिहास और पौराणिक घटनाए के मिश्रण से बनी एक यादगार रचना है। यह मात्र कोई पौराणिक रचना नहीं है। एक्शन,थ्रिलर से परिपूर्ण रचना है। आखिर भारत पर इतने आक्रमण क्यों होते थे? इस प्रश्न को बहुत रोचक ढंग से उठाया गया है।श्रीराम प्रसंग मुझे विशेष अच्छा लगा। वहीं लेखक ने अपनी एक विशेष विचारधारा को उपन्यास में बहुत ज्यादा विस्तार दिया है। जिस से यथासंभव बचा जा सकता था। धन्यवाद ।-गुरप्रीत सिंह, राजस्थानwww.svnlibrary.blogspot.com
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